श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि लोकों के आठ अधीनस्थ लोकपालों तथा ब्रह्मा की पुरियों का उल्लेख अन्य पुराणों में पाया जाता है— मेरौ नवपूराणि स्युर्मनोवत्यमरावती तेजोवती संयमनी तथा कृष्णांगना परा।
श्रद्धावती गन्धवती तथा चान्या महोदया यशोवती च ब्रह्मेन्द्र बह्यादीनां यथाक्रमम् ॥
ब्रह्मा की पुरी मनोवती कहलाती है और उनके सहायक इन्द्र तथा अग्नि इत्यादि की पुरियाँ अमरावती, तेजोवती, संयमनी, कृष्णांगना, श्रद्धावती, गंधावती, महोदया तथा यशोवती कहलाती हैं। ब्रह्मपुरी मध्य में स्थित है और शेष आठों पुरियाँ इसके चारों ओर स्थित हैं।